उत्तर प्रदेश में ‘ऑपरेशन लंगरा’: 238 अपराधी मारे गए, 30,694 गिरफ्तार
‘ऑपरेशन लंगड़ा’ क्या है?
ऑपरेशन लंगड़ा उत्तर प्रदेश पुलिस की एक सख्त योजना है। इसके ज़रिए वे बड़े अपराधियों को पकड़ रहे हैं—जो हत्या, बलात्कार, डकैती या गिरोह चलाते हैं। अगर कोई भागने की कोशिश करता है या पुलिस पर हमला करता है, तो पुलिस उसके पैरों में गोली मार देती है। इसे ‘लंगड़ा’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि गोली लगने के बाद कई लोग लंगड़े हो जाते हैं। यह ऑपरेशन लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर, झांसी जैसे कई शहरों में चलाया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, इस ऑपरेशन में अब तक 238 अपराधी मारे जा चुके हैं और 30,694 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जिन पर इनाम घोषित था।
क्या हो रहा है?
इस ऑपरेशन में कुछ बड़ी घटनाएँ ऐसी भी हैं, जिन्हें सुनकर आपकी रूह काँप जाएगी। लखनऊ में मुख्तार अंसारी गैंग के एक शार्पशूटर शाहरुख पठान को पुलिस ने मार गिराया। एक और बदमाश सतेंद्र उर्फ कालिया पैर में गोली लगने से पकड़ा गया। जौनपुर में एक चोर पकड़ा गया और उसके पास से चोरी का सोना बरामद हुआ। प्रतापगढ़ में चार अपराधी पकड़े गए, जिन पर 25-25 हज़ार रुपये का इनाम था।
पुलिस इस ऑपरेशन में जी-जान से जुटी है। पुलिस पर हमला करने या भागने वालों के पैर में गोली लग रही है। कई बार मुठभेड़ में अपराधी मारे भी जा रहे हैं।
इतना कठोर कदम क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अपराधियों को कोई छूट नहीं दी जाएगी। उनका लक्ष्य राज्य को पूरी तरह अपराध मुक्त बनाना है। इस अभियान के ज़रिए आम लोगों की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है। फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई लोग इसे ‘योगी का तांडव’ कह रहे हैं। उनका मानना है कि इससे अपराधियों के मन में डर पैदा हुआ है।
लेकिन सभी लोग खुश नहीं हैं। कुछ का कहना है कि इतने लोगों का मरना ठीक नहीं है। मानवाधिकार समूह सवाल उठा रहे हैं कि क्या ये एनकाउंटर क़ानून के दायरे में हो रहे हैं? मेरठ में एक गैंगस्टर पुलिस से भागकर अदालत में आत्मसमर्पण कर चुका है। कई लोग इस बारे में बात कर रहे हैं।
कोलकाता के लोगों के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?
कोलकाता में बैठे-बैठे आप सोच रहे होंगे कि उत्तर प्रदेश की ख़बरें हमारे लिए क्या मायने रखती हैं? लेकिन ज़रा सोचिए—कोलकाता में भी हम सड़कों पर डकैती, चोरी या गैंगवार की ख़बरें सुनते रहते हैं। अगर कोलकाता पुलिस ऐसी ही सख़्त कार्रवाई करे तो क्या होगा? इस अभियान को देखकर कोलकाता में अपराध कम करने के नए विचार आ सकते हैं।
उदाहरण के लिए, बड़ाबाज़ार या श्यामबाज़ार में डकैती आम बात है। अगर पुलिस इतनी सख़्त हो, तो यह समस्या कम हो सकती है। लेकिन क्या कोलकाता के लोग इसे स्वीकार करेंगे? बंगाल के लोगों और उत्तर प्रदेश के लोगों का मन एक जैसा नहीं है। इसलिए कोलकाता में इस पर खूब चर्चा हो रही है। आपको क्या लगता है? क्या कोलकाता में ऐसा अभियान अच्छा होगा या समस्या बढ़ेगी?
कोलकाता में अपराध से तुलना
कोलकाता में अपराध का पैटर्न उत्तर प्रदेश से थोड़ा अलग है। यहाँ बड़े माफिया या गैंगस्टर कम हैं, लेकिन सड़क पर डकैती, जेबकतरे या स्थानीय गिरोहों की समस्याएँ ज़रूर हैं। उदाहरण के लिए, हावड़ा या सिंथी चौराहों पर अक्सर छोटी-मोटी चोरियाँ सुनने को मिलती हैं। अगर कोलकाता में भी उत्तर प्रदेश जैसी सख्त पुलिस व्यवस्था लागू की जाए, तो इन समस्याओं को कम किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए आपको कोलकाता के लोगों के सहयोग की ज़रूरत होगी।
बहस का पक्ष
ऑपरेशन लंगड़ा भले ही कई लोगों को पसंद आ रहा हो, लेकिन यह विवादास्पद भी है। कुछ लोगों का कहना है कि इतने सारे लोगों का मरना ठीक नहीं है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है या नहीं। मेरठ में एक अपराधी पुलिस से भाग गया और अदालत में पकड़ा गया क्योंकि उसे लगा कि पुलिस उसे मार डालेगी। यह सुनकर कई लोग चिंतित हैं।
लेकिन कोलकाता में कई लोगों का कहना है कि अपराधियों को सबक सिखाने के लिए ऐसे सख्त कदम उठाने ज़रूरी हैं।
