Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme: जानिए पूरा मामला
भारत की राजनीति और न्यायपालिका में इस समय एक अहम मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है। Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme — यानी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है, ताकि कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी जा सके। इस आदेश में हाई कोर्ट ने कहा था कि मनरेगा (MGNREGA) यानी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को 1 अगस्त 2025 से पश्चिम बंगाल में फिर से शुरू किया जाए।
लेकिन सवाल यह है कि केंद्र सरकार ने इस आदेश का विरोध क्यों किया? बंगाल की राजनीति में इस पर कैसी प्रतिक्रिया आई? और अब सुप्रीम कोर्ट में आगे क्या हो सकता है? आइए विस्तार से जानते हैं।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – पृष्ठभूमि
Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme का मामला तब शुरू हुआ जब कोलकाता हाई कोर्ट ने जून 2025 में केंद्र को निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल में मनरेगा योजना को तुरंत बहाल किया जाए। कोर्ट ने कहा कि ग्रामीण रोजगार योजना को “अनिश्चितकाल के लिए फ्रीज” नहीं किया जा सकता।
H3: हाई कोर्ट का आदेश
हाई कोर्ट ने माना कि ग्रामीण गरीबों के लिए यह योजना ज़रूरी है।
आदेश दिया गया कि 1 अगस्त 2025 से काम चालू किया जाए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि गड़बड़ियाँ हैं तो उनकी निगरानी की जाए, लेकिन योजना को रोकना उचित नहीं।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – केंद्र का तर्क
अब सवाल उठता है कि जब योजना ग़रीबों को रोज़गार देने के लिए है, तो केंद्र सरकार क्यों विरोध कर रही है? Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme को लेकर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जो दलील दी, उसमें मुख्य बिंदु ये थे:
https://youtu.be/60jAwoSfg4g?si=DXMo0CqcfJNeM076
केंद्र का कहना है कि बंगाल में बड़ी संख्या में फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं।
कई जगह ऐसे लोगों को जॉब कार्ड जारी कर दिए गए, जिनका कोई अस्तित्व नहीं है।
कुछ कार्ड ऐसे लोगों के नाम पर बने, जो लंबे समय से गांवों में रहते ही नहीं।
H3: भ्रष्टाचार और अनियमितताएँ
केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि बंगाल में मनरेगा के पैसों का दुरुपयोग हुआ है।
काम कम हुआ, लेकिन भुगतान ज़्यादा दिखाया गया।
जांच में कई “घोस्ट बेनिफिशियरी” सामने आए।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – बंगाल का पक्ष
जहाँ केंद्र सरकार भ्रष्टाचार और फर्जी जॉब कार्ड की बात कर रही है, वहीं बंगाल की सरकार और तृणमूल कांग्रेस (TMC) इसे राजनीति से प्रेरित कदम मानती है। Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme को लेकर TMC ने कहा:
पूरे देश में 11 लाख फर्जी जॉब कार्ड हटाए गए, लेकिन पश्चिम बंगाल में सिर्फ़ 5,984 यानी 0.5%।
अगर भ्रष्टाचार का यही हाल है तो बाकी राज्यों में भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
केंद्र सरकार जानबूझकर पश्चिम बंगाल के मज़दूरों को रोज़गार से वंचित कर रही है।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
यह मुद्दा अब सिर्फ़ अदालत का मामला नहीं रह गया है, बल्कि राजनीति का सबसे बड़ा हथियार बन चुका है।
H3: तृणमूल कांग्रेस (TMC)
ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने केंद्र सरकार पर ग़रीब विरोधी और बंगाल विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि यह फैसला राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया है।
H3: वाम दल और कांग्रेस
बंगाल की विपक्षी पार्टियों – CPM और कांग्रेस – ने भी TMC का साथ दिया और कहा कि Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme के बहाने केंद्र सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल गरीबों का हक़ छीनने के लिए कर रहा है।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – अवमानना का मुद्दा
हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी जब 1 अगस्त को मनरेगा लागू नहीं हुआ, तो विपक्षी दलों ने इसे अदालत की अवमानना बताया।
TMC, CPM और कांग्रेस अब इस मामले में Contempt of Court याचिका दाखिल करने पर विचार कर रहे हैं।
उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर आदेश को नज़रअंदाज़ किया है।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – सुप्रीम कोर्ट से उम्मीदें
अब पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के हाथ में है। Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme पर सुनवाई होने वाली है। संभावनाएँ इस प्रकार हैं:
सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट का आदेश बरकरार रखे और केंद्र को मनरेगा लागू करने का निर्देश दे।
सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट का आदेश स्थगित कर दे और केंद्र को जांच पूरी करने का समय दे।
कोर्ट बीच का रास्ता निकाल सकता है – यानी योजना चालू हो लेकिन कड़ी निगरानी और ऑडिट के साथ।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – ग्रामीणों की स्थिति
कानूनी और राजनीतिक बहस से परे, असली मुद्दा है गांवों के ग़रीब मज़दूरों का भविष्य।
लाखों परिवार मनरेगा से होने वाली आय पर निर्भर हैं।
खेती का सीज़न खत्म होते ही मनरेगा का काम उनकी रोज़ी-रोटी बनता है।
लंबे समय से काम बंद रहने से ग्रामीण आर्थिक संकट झेल रहे हैं।
H2: Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme – नतीजा क्या निकल सकता है?
H3: अगर केंद्र हारता है
तो पश्चिम बंगाल में तुरंत मनरेगा चालू करना होगा और लाखों मज़दूरों को रोजगार मिलेगा।
H3: अगर केंद्र जीतता है
तो योजना और लंबे समय तक अटक सकती है। इसका सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों पर पड़ेगा।
निष्कर्ष
Centre moves SC against HC order on Bengal rural job scheme सिर्फ़ एक कानूनी लड़ाई नहीं है, बल्कि राजनीति, प्रशासन और ग़रीबों के जीवन से जुड़ा हुआ बड़ा मुद्दा है।
जहाँ एक ओर केंद्र सरकार भ्रष्टाचार रोकने की बात कर रही है, वहीं बंगाल की सरकार इसे राजनीति से प्रेरित बताकर गरीबों के साथ अन्याय मान रही है।
अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस जटिल मामले में क्या फैसला देता है और लाखों ग्रामीण मज़दूरों का भविष्य किस दिशा में जाता है।

