ट्रम्प ने कनाडा को दी व्यापार समझौते पर धमकी: फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता बनी विवाद का कारण
30 जुलाई, 2025 को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने घोषणा की कि यदि फिलिस्तीनी प्राधिकरण कुछ शर्तों को पूरा करता है, तो कनाडा सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा। इन शर्तों में 2026 में हमास के बिना चुनाव और फिलिस्तीनी राज्य का निरस्त्रीकरण शामिल है। इस घोषणा ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया, खासकर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे कनाडा के साथ चल रहे व्यापार समझौते के लिए खतरा बताया। ट्रम्प ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा, “वाह! कनाडा ने अभी घोषणा की है कि वह फिलिस्तीनी राज्य का समर्थन कर रहा है। इससे उनके साथ व्यापार समझौता करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। ओह कनाडा!!!”
कनाडा का रुख और मानवीय संकट
कनाडा का यह कदम फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों के समान है, जिन्होंने गाजा में बिगड़ते मानवीय संकट के कारण फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की घोषणा की है। कार्नी ने गाजा में “असहनीय” मानवीय स्थिति और भुखमरी का जिक्र करते हुए कहा कि दो-राज्य समाधान को बढ़ावा देना जरूरी है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, गाजा में 2023 से शुरू हुए युद्ध में 60,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, और भुखमरी से 154 लोग, जिनमें 89 बच्चे शामिल हैं, मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। कनाडा ने इस स्थिति को “अस्वीकार्य” बताया और कहा कि इजरायल की नीतियों ने इस संकट को बढ़ाया है।
ट्रम्प ने कनाडा को दी व्यापार समझौता धमकी: पृष्ठभूमि
ट्रम्प ने कनाडा को दी व्यापार समझौता धमकी का यह बयान 1 अगस्त, 2025 की समय सीमा से ठीक पहले आया, जब अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी होनी थी। ट्रम्प ने धमकी दी कि यदि समझौता नहीं हुआ, तो कनाडा के गैर-USMCA (यूएस-मेक्सिको-कनाडा समझौता) सामानों पर 35% शुल्क लगाया जाएगा। पहले से ही कनाडा के स्टील, एल्यूमीनियम और वाहनों पर शुल्क लागू हैं। ट्रम्प ने इस कदम को हमास को “पुरस्कृत” करने के रूप में देखा, जिसे वह और इजरायल दोनों विरोध करते हैं ट्रम्प ने कनाडा को दी व्यापार समझौते पर धमकी.
इजरायल और अमेरिका की प्रतिक्रिया
इजरायल ने कनाडा के इस कदम को “हमास के लिए पुरस्कार” करार दिया और कहा कि यह गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के प्रयासों को नुकसान पहुंचाएगा। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया, “कनाडा सरकार की स्थिति में बदलाव हमास को पुरस्कृत करता है और युद्धविराम के लिए हानिकारक है।” ट्रम्प ने भी इस रुख का समर्थन किया, हालांकि उन्होंने पहले फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के समान कदमों पर नरम रवैया दिखाया था।
व्यापार और भू-राजनीति का मिश्रण
ट्रम्प का यह बयान उनकी उस रणनीति का हिस्सा है जिसमें वह व्यापार नीतियों का उपयोग अन्य देशों की विदेश नीतियों पर दबाव बनाने के लिए करते हैं। हाल ही में, उन्होंने ब्राजील पर भी 50% शुल्क की धमकी दी थी, क्योंकि वहां के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो पर मुकदमा चल रहा है, जो ट्रम्प के सहयोगी हैं। इसी तरह, भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए शुल्क की धमकी दी गई थी। यह दर्शाता है कि ट्रम्प व्यापार को भू-राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग कर रहे हैं।
कनाडा की स्थिति और भविष्य
कार्नी ने कहा कि व्यापार वार्ताएं “रचनात्मक” रही हैं, लेकिन शुक्रवार की समय सीमा तक समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने जोर दिया कि कनाडा इजरायल के अस्तित्व का समर्थन करता है, लेकिन गाजा में मानवीय संकट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कनाडा ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण से सुधारों की मांग की है, जैसे कि 2026 में हमास के बिना चुनाव और निरस्त्रीकरण। यह कदम कनाडा की दो-राज्य समाधान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो क्षेत्र में स्थायी शांति का आधार है। ट्रम्प ने कनाडा को दी व्यापार समझौते पर धमकी:
निष्कर्ष
ट्रम्प ने कनाडा को दी व्यापार समझौता धमकी ने एक बार फिर उनके अप्रत्याशित और कठोर व्यापार नीति दृष्टिकोण को उजागर किया है। कनाडा का फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का निर्णय गाजा में मानवीय संकट के प्रति उसकी प्रतिक्रिया है, लेकिन यह कनाडा-अमेरिका संबंधों में तनाव का कारण बन सकता है। जैसे-जैसे 1 अगस्त की समय सीमा नजदीक आ रही है, यह देखना होगा कि क्या दोनों देश इस विवाद को सुलझा पाएंगे या यह व्यापार युद्ध और गहरा होगा।
