Bangladesh में हिंसा: NCP रैली पर ईंटबाजी बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में गोपालगंज में नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) की एक रैली के दौरान भयंकर हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। यह रैली बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के गृहनगर गोपालगंज में आयोजित थी, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता थे। प्रदर्शनकारियों ने ईंट-पत्थर फेंके, पुलिस और NCP के काफिले पर हमला किया, जिसके जवाब में सेना और पुलिस को गोली चलानी पड़ी। अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने इस हिंसा के लिए शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और उसकी छात्र शाखा छात्र लीग को जिम्मेदार ठहराया है। आइए इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

गोपालगंज में क्या हुआ
Bangladesh में हिंसा: NCP रैली पर ईंटबाजी 17 जुलाई 2025 को गोपालगंज के पौरा पार्क में NCP की रैली के दौरान हिंसा भड़क उठी। यह रैली NCP के गठन की पहली वर्षगांठ और पिछले साल की छात्र-नेतृत्व वाली “मानसून क्रांति” को मनाने के लिए थी, जिसने अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंका था। NCP, जो फरवरी 2025 में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन मूवमेंट से उभरी थी, ने इस रैली को “जुलाई मार्च फॉर नेशन बिल्डिंग” कार्यक्रम के तहत आयोजित किया था। लेकिन अवामी लीग के समर्थकों ने, जो हाल ही में सरकार द्वारा प्रतिबंधित है, गोपालगंज-टेकरहट रोड पर पेड़ गिराकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने एक सरकारी वाहन में आग लगा दी और NCP के रैली स्थल पर हमला किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने बाँस की छड़ियों और ईंट-पत्थरों से हमला किया। जवाब में, पुलिस और सेना ने साउंड ग्रेनेड और गोलियाँ चलाईं, जिसमें दीप्तो साहा (25), रमजान काजी (18), सोहेल मोल्ला (41), और इमोन (24) की मौत हो गई।
अवामी लीग का जवाब
दूसरी ओर, अवामी लीग और शेख हसीना ने हिंसा के लिए यूनुस और एनसीपी को ज़िम्मेदार ठहराया है। अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने दावा किया कि एनसीपी और जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिया ने गोपालगंज में नागरिकों पर “अंधाधुंध हमला किया और गोलीबारी की”। शेख हसीना ने एक बयान में इसे “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” बताया और यूनुस को “हत्यारा-फासीवादी” करार दिया। उन्होंने दावा किया कि एनसीपी का इरादा बांग्लादेशी पहचान के प्रतीक, तुंगीपारा स्थित शेख मुजीबुर रहमान की समाधि पर हमला करना था। जी
Bangladesh में हिंसा: NCP रैली पर ईंटबाजी कानून और व्यवस्था की स्थिति
Bangladesh में हिंसा: NCP
रैली पर ईंटबाजी हिंसा के बाद गोपालगंज में 22 घंटे का कर्फ्यू (बुधवार रात 8 बजे से गुरुवार शाम 6 बजे तक) लगा दिया गया। बीजीबी की चार अतिरिक्त टुकड़ियाँ (करीब 200 सैनिक) तैनात की गईं। चार मृतकों और नौ घायलों को 250 बिस्तरों वाले गोपालगंज जनरल अस्पताल लाया गया, जिनमें से कई को गोली लगी है और उनकी हड्डियाँ टूट गई हैं। एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने खुलना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “गोपालगंज में रैली खत्म करने के बाद हम मदारीपुर जा रहे थे, तभी अवामी लीग के हथियारबंद गुंडों ने हमारे काफिले पर हमला कर दिया।”
समाज के लिए सबक
यह घटना बांग्लादेश की अस्थिर राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है। शेख हसीना के भारत भाग जाने के बाद से, सुधारों में देरी हो रही है और देश में राजनीतिक विभाजन बढ़ रहा है। अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर भी हिंसा की आशंका ने आम जनता में दहशत पैदा कर दी है। सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।
हम क्या कर सकते हैं?
हमें इस तरह की हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा करने की ज़रूरत है। आप क्या सोचते हैं? बांग्लादेश में हिंसा रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? अपनी राय कमेंट में ज़रूर बताएँ और इस पोस्ट को शेयर करें ताकि यह खबर ज़्यादा लोगों तक पहुँचे!