104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma: भारत के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma: भारत के पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि

भारत के महान नेताओं में से एक डॉ. शंकर दयाल शर्मा का आज 104वां जन्मदिवस है। 104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह उस अद्भुत व्यक्तित्व को याद करने का अवसर है, जिन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए समर्पित कर दिया।

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma

डॉ. शंकर दयाल शर्मा का प्रारंभिक जीवन

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma पर उनके जीवन की शुरुआत को याद करना जरूरी है। उनका जन्म 19 अगस्त 1918 को मध्य प्रदेश के भोपाल में हुआ था। एक सामान्य परिवार से निकलकर उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और आगे चलकर भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखे।

शिक्षा और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

  • डॉ. शर्मा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज और लंदन से कानून और राजनीति की पढ़ाई की।

  • 1940 के दशक में वह स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े और आज़ादी की लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लिया।

  • उनका मानना था कि शिक्षा और कानून ही समाज को सही दिशा दिखा सकते हैं।

इस 104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma पर हम यह नहीं भूल सकते कि उन्होंने आज़ादी के लिए कितनी कठिनाइयाँ झेली।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

1940 के दशक के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीति में कदम रखा।

  • वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (1952–1956) भी रहे।

  • कई बार उन्होंने देश की राजनीति को स्थिर करने में निर्णायक भूमिका निभाई।

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma के मौके पर यह याद रखना जरूरी है कि उन्होंने हमेशा संवैधानिक मूल्यों को प्राथमिकता दी।

उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद की यात्रा

  • 1987 में वह भारत के उपराष्ट्रपति बने।

  • 1992 से 1997 तक उन्होंने देश के 9वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

उनके राष्ट्रपति काल को राजनीतिक स्थिरता और लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती के लिए याद किया जाता

डॉ. शर्मा का नेतृत्व और लोकतंत्र के प्रति दृष्टिकोण

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma हमें यह सिखाता है कि नेतृत्व केवल सत्ता में रहना नहीं है, बल्कि संवैधानिक परंपराओं को बचाए रखना भी है।

  • उन्होंने हमेशा न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान किया।

  • संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए कई ऐतिहासिक फैसले लिए।

  • उनका मानना था कि राजनीति का असली उद्देश्य जनता की सेवा है।

राष्ट्रपति के रूप में प्रमुख योगदान

उनके कार्यकाल में भारत ने कई अहम राजनीतिक दौर देखे।

  • 1990 के दशक में गठबंधन राजनीति का दौर शुरू हुआ।

  • डॉ. शर्मा ने हमेशा निष्पक्ष भूमिका निभाते हुए संविधान के अनुरूप फैसले किए।

  • उन्होंने राष्ट्रपति भवन को जनता के लिए अधिक सुलभ और लोकतांत्रिक बनाने की कोशिश की।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma पर हमें यह भी याद करना चाहिए कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि मजबूत की।

  • विदेश यात्राओं के दौरान उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को विश्व मंच पर रखा।

  • वह हमेशा शांति, सहयोग और विकास के समर्थक रहे।

व्यक्तिगत जीवन और मूल्य

  • डॉ. शर्मा बेहद सादगीपूर्ण जीवन जीते थे।

  • परिवार और राजनीति के बीच संतुलन बनाकर उन्होंने दिखाया कि नैतिकता और ईमानदारी से भी राजनीति की जा सकती है।

  • उनका व्यक्तित्व नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।

डॉ. शर्मा की विरासत

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma इस बात का स्मरण कराती है कि उनकी विरासत सिर्फ उनके राजनीतिक पदों तक सीमित नहीं है।

  • वह एक महान विधिवेत्ता, शिक्षक और आदर्श जननेता थे।

  • भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma: क्यों है खास?

  • आज के युवाओं को उनके संघर्ष और ईमानदारी से सीखने की जरूरत है।

  • राजनीति में नैतिकता और सिद्धांतों का महत्व उन्होंने साबित किया।

  • उनका जीवन दर्शाता है कि सच्चे नेता जनता के लिए होते हैं, न कि केवल सत्ता के लिए।

निष्कर्ष

आज जब हम 104th Birth Anniversary of Dr Shankar Dayal Sharma मना रहे हैं, तब यह अवसर हमें उनके योगदान और त्याग को याद करने का मौका देता है। उनका जीवन संदेश देता है कि लोकतंत्र, न्याय और शिक्षा ही राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत नींव हैं।

भारत के लिए डॉ. शर्मा हमेशा प्रेरणा रहेंगे।

 


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