बलरामपुर में मूक-बधिर युवती से गैंगरेप: पुलिस मुठभेड़ में दो आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर में मूक-बधिर युवती से गैंगरेप: पुलिस मुठभेड़ में दो आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर, उत्तर प्रदेश (13 अगस्त 2025): उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक मूक-बधिर युवती के साथ गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। यह शर्मनाक वारदात 11 अगस्त 2025 की रात कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के बहादुरपुर में हुई, जो जिला मुख्यालय के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक है। इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने मंगलवार रात मुठभेड़ के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें अब जेल भेजा जा रहा है।

 

बलरामपुर में मूक-बधिर युवती से गैंगरेप:

घटना का विवरण

11 अगस्त की रात करीब 8 बजे, 21-22 वर्षीय मूक-बधिर युवती अपने ननिहाल से घर लौट रही थी। उसका घर जिला मजिस्ट्रेट (DM), पुलिस अधीक्षक (SP), और जिला जज के आवास से कुछ ही दूरी पर स्थित है। परिजनों के अनुसार, रास्ते में दो युवकों, अंकुर वर्मा (21) और हर्षित पांडे (22), ने उसे जबरन अपनी मोटरसाइकिल पर बिठाया और बहादुरपुर के पास एक सुनसान श्मशान घाट के कमरे में ले गए। वहां दोनों ने शराब के नशे में युवती के साथ गैंगरेप किया। चूंकि पीड़िता बोल और सुन नहीं सकती, वह न तो शोर मचा सकी और न ही तत्काल मदद मांग सकी।

घटना के बाद आरोपियों ने पीड़िता को बेहोशी की हालत में एक खेत में छोड़ दिया। रात 9 बजे तक जब वह घर नहीं पहुंची, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद उसे खेत में बदहवास हालत में पाया गया। परिजन उसे तुरंत जिला महिला अस्पताल ले गए, जहां मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। चिकित्सकों के अनुसार, युवती की शारीरिक स्थिति स्थिर है, लेकिन वह मानसिक रूप से गहरे सदमे में है।

सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो

इस घटना का एक 14 सेकंड का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पीड़िता को सड़क पर बदहवास हालत में भागते और आरोपियों को मोटरसाइकिल पर उसका पीछा करते देखा गया। यह वीडियो जांच का मुख्य सबूत बना। हालांकि, परिजनों ने आरोप लगाया कि घटनास्थल के आसपास के 3-4 सीसीटीवी कैमरे बंद थे, जिसने पुलिस की लापरवाही को उजागर किया। यह इलाका DM, SP, और जज के आवास से महज 20 मीटर की दूरी पर है, फिर भी इतनी बड़ी वारदात हो गई।

बलरामपुर में मूक-बधिर युवती से गैंगरेप:

पुलिस की कार्रवाई और मुठभेड़

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के नेतृत्व में चार विशेष टीमें गठित की गईं। सीसीटीवी फुटेज और मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर आरोपियों की पहचान अंकुर वर्मा और हर्षित पांडे के रूप में हुई। मंगलवार रात पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे। कोतवाली देहात क्षेत्र के शंकरपुर के पास पुलिस ने उन्हें घेर लिया।

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चलाई। जवाबी कार्रवाई में हर्षित पांडे के पैर में गोली लगी, जबकि अंकुर वर्मा भागते समय पत्थर से टकराकर गिर गया, जिससे उसका पैर फ्रैक्चर हो गया। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना अपराध कबूल किया। पुलिस ने उनके पास से एक देसी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, एक खाली खोखा, और एक मोटरसाइकिल बरामद की।

महिला सुरक्षा पर सवाल

यह घटना उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। परिजनों ने कहा, “जब जिले के सबसे सुरक्षित इलाके में हमारी बेटी सुरक्षित नहीं है, तो बाकी जगहों का क्या हाल होगा?” राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2022 के आंकड़े भी यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि की पुष्टि करते हैं। इस घटना ने 2012 के दिल्ली निर्भया कांड की याद दिला दी, जिसके बाद भी महिला सुरक्षा को लेकर कोई ठोस बदलाव नहीं दिखा।

आगे की जांच

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़िता ने इशारों से कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जिसके आधार पर विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस वारदात में और लोग शामिल थे। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए तेजी से कदम उठाए जाएंगे।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल बलरामपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें। इस मामले में त्वरित पुलिस कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। समाज और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम करना होगा।

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