(पहलगाम हमला 2025:पाकिस्तान अमेरिका ने टीआरएफ कश्मीर का पहलगाम), जहाँ पहाड़ों और झरनों की खूबसूरती दिल को भर देती है, 22 अप्रैल 2025 को खून से सना हुआ था। बंदूकधारियों के एक समूह ने 26 निर्दोष लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस नरसंहार के पीछे पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का हाथ था। अब अमेरिका ने घोषणा की है कि TRF एक आतंकवादी संगठन है और पहलगाम हमले के लिए वही ज़िम्मेदार है। भारत और अमेरिका अब आतंकवाद के खिलाफ एक साथ आ गए हैं।
पहलगाम में क्या हुआ? था
पहलगाम की बिसरन घाटी, जिसे हर कोई ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहता है, में पाँच बंदूकधारियों ने अचानक हमला कर दिया। वे AK-47 और M4 कार्बाइन से लैस थे—ऐसे हथियार जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने हिंदू पर्यटकों को अलग किया, उनका धर्म पूछा और जो उनकी बात नहीं मानते थे, उन्हें गोली मार दी। इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय मुस्लिम टट्टू स्टॉल वाले की जान चली गई। यह टट्टू स्टॉल वाला तो असली हीरो था! उसने हमलावरों को रोकने के लिए बंदूक छीनने की कोशिश की, लेकिन उसने अपनी जान दे दी। यह दिल दहला देने वाला था, है ना? 2008 के मुंबई हमलों के बाद से यह भारत में हुआ सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।
टीआरएफ ने पहले टेलीग्राम पर चिल्लाया, “हमने यह हमला किया है!” उन्होंने दावा किया कि यह बाहरी लोगों को कश्मीर में बसने से रोकने के लिए किया गया था। लेकिन अचानक पासा पलट गया! उन्होंने कहा, “अरे, हमारी वेबसाइट हैक हो गई है, हमने ऐसा नहीं किया!” लेकिन इस बेतुके बहाने को कौन मानेगा? पाकिस्तान ने उन्हें चुप करा दिया है क्योंकि पूरी दुनिया ने इस हमले की निंदा की है।
TRF कौन हैं? पाकिस्तान की कठपुतली?
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) का गठन 2019 में हुआ था, जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। वे कहते हैं कि वे कश्मीर के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन भारत उन्हें लश्कर-ए-तैयबा की कठपुतली कहता है। लश्कर वही समूह है जिसने 2008 में मुंबई हमले किए थे। भारत का दावा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI TRF को पैसा, हथियार और प्रशिक्षण देती है। वे कश्मीर में हिंदुओं, सिखों और विदेशी कामगारों को निशाना बनाते हैं। वे फेसबुक और टेलीग्राम पर युवाओं को भड़काते हैं और ड्रग्स व हथियारों की तस्करी करते हैं। भारत ने उन्हें 2023 में आतंकवादी घोषित किया है। उनके नेता शेख सज्जाद गुल को पहलगाम हमले का योजनाकार बताया जाता है।
अमेरिका की कड़ी कार्रवाई
18 जुलाई, 2025 को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने घोषणा की, “TRF एक आतंकवादी संगठन है!” उन्होंने TRF को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) के रूप में सूचीबद्ध किया है। इसका मतलब है कि जो कोई भी TRF के साथ व्यापार करेगा या उसकी मदद करेगा, उसे अमेरिका में जेल जाना होगा। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में यह भारत और अमेरिका की एक बड़ी जीत है।” उन्होंने X पर एक पोस्ट में अमेरिका का आभार व्यक्त किया। यह पहलगाम में जान गंवाने वालों के लिए न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है।
भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’
इस हमले के बाद भारत चुप नहीं रहा। 7 मई 2025 को उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए। पाकिस्तान का नूर खान एयरबेस तबाह कर दिया गया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया! भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ दी और अटारी-वाघा सीमा भी बंद कर दी गई। ऐसा लग रहा है कि भारत पाकिस्तान से कह रहा है, “इस बार और रियायत नहीं!”
पाकिस्तान क्या कह रहा है?
पाकिस्तान चिल्ला रहा है, “हम इस हमले में शामिल नहीं हैं!” वे निष्पक्ष जाँच चाहते हैं। टीआरएफ का कहना है कि उनकी वेबसाइट हैक हो गई थी, इसलिए उन्होंने ज़िम्मेदारी नहीं ली। लेकिन इस बेतुके बहाने पर कौन यकीन करेगा, हर कोई इस हमले की निंदा कर रहा है। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने संयुक्त राष्ट्र से टीआरएफ का नाम हटाने की माँग की है। भारत का कहना है कि यह पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन का खुला सबूत है!
कश्मीर में क्या स्थिति है?
इस हमले ने कश्मीर में पर्यटन को तहस-नहस कर दिया है। पहलगाम, जहाँ लोग छुट्टियाँ मनाने जाते थे, अब दहशत का माहौल है। हमलावर धार्मिक संघर्ष पैदा करना चाहते थे, बाहरी लोगों को कश्मीर से बाहर निकालना चाहते थे। भारत संयुक्त राष्ट्र पर टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करने का दबाव बना रहा है, लेकिन पाकिस्तान और चीन इसमें बीज में आसक्त हे सकते हैं। क्या कश्मीर फिर कभी शांति का स्थान बन पाएगा?

